गीत -
गहन गिरवर सघन वन में
बहकती पुरवा पवन में
दहकते धरती गगन में महकने दो प्यार मेरा
नागफनियों की गली में फूल का व्यापार मेरा
झोपड़ी या महल मैं कब देखता हूँ
हर खुली छत पर कबूतर भेजता हूँ
लोग लौटे हैं जहाँ से मुंह छुपाकर
मैं उन्ही गलियों में दर्पण बेंचता हूँ
चोट खाये लोग रहते जिस गली में
है वहीँ मरहम का कारोबार मेरा
नागफनियों की....................
खून के छींटे धरा से धो रहा हूँ
जो पुकारे मैं उसी का हो रहा हूँ
कल जहाँ बारूद की फसलें उगी थी
आज उन खेतों में मेंहदी बो रहा हूँ
दहकते अंगार बिखरे जिस गली में
है वहीँ चन्दन से निर्मित द्वार मेरा
नागफनियों की.....................
दिल में तेरे प्यार की दुनिया दफ़न है
भोर में ही दोपहर जैसी तपन है
मैं इधर शादी का जोड़ा बुन रहा हूँ
तू उन्ही धागों से क्यों बुनता कफ़न है
अर्थियों पर ही किया श्रृंगार तुमनें
डोलियों में चल रहा श्रृंगार मेरा
नागफ...........................
प्रियांशु गजेन्द्र
बाराबंकी उ0प्र0
गहन गिरवर सघन वन में
बहकती पुरवा पवन में
दहकते धरती गगन में महकने दो प्यार मेरा
नागफनियों की गली में फूल का व्यापार मेरा
झोपड़ी या महल मैं कब देखता हूँ
हर खुली छत पर कबूतर भेजता हूँ
लोग लौटे हैं जहाँ से मुंह छुपाकर
मैं उन्ही गलियों में दर्पण बेंचता हूँ
चोट खाये लोग रहते जिस गली में
है वहीँ मरहम का कारोबार मेरा
नागफनियों की....................
खून के छींटे धरा से धो रहा हूँ
जो पुकारे मैं उसी का हो रहा हूँ
कल जहाँ बारूद की फसलें उगी थी
आज उन खेतों में मेंहदी बो रहा हूँ
दहकते अंगार बिखरे जिस गली में
है वहीँ चन्दन से निर्मित द्वार मेरा
नागफनियों की.....................
दिल में तेरे प्यार की दुनिया दफ़न है
भोर में ही दोपहर जैसी तपन है
मैं इधर शादी का जोड़ा बुन रहा हूँ
तू उन्ही धागों से क्यों बुनता कफ़न है
अर्थियों पर ही किया श्रृंगार तुमनें
डोलियों में चल रहा श्रृंगार मेरा
नागफ...........................
प्रियांशु गजेन्द्र
बाराबंकी उ0प्र0
अत्यंत सुंदर कविता.
जवाब देंहटाएंVirodhabhas ka atyant hi safal prayog ,bahut sundar rachna Hai guruji
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर गीत है लगभग 50बार सुना है मैने
जवाब देंहटाएंबहुत बड़ा फैन हू सर आपका
जवाब देंहटाएंहिंदी साहित्य की बगिया मे नयी खिलतीं कलि हो आप
लंबे समय बाद किसी हिंदी साहित्य को समृद्ध कवि मिला है
जवाब देंहटाएंशब्दो का चयन गीत का वर्णन अति सुंदर
वाह बहुत सुंदर दादा
जवाब देंहटाएंआप मधुर गीत लिखते आपकी कविताओं माधुर्य और प्रसाद गुण समाहित हैं।
One of the best Song by You sir
जवाब देंहटाएंशानदार जबरदस्त जिंदाबाद
जवाब देंहटाएंOne of the poems I would love to listen again and again.
जवाब देंहटाएंAapki yah kavita mere hriday ki gahraiyon ko chhu gayi hai,,,, bahut dundar bhai,,,,,,
जवाब देंहटाएंआपको प्रणाम महाशय। हम सभी युवाओं को समर्पित यह गीत है। आप को यूट्यूब पर सुना था ।बहुत ही अच्छा लगा पढ़ कर सर।
जवाब देंहटाएंमेरा सबसे प्रिय गीत
जवाब देंहटाएंप्रियांशु भइया, आपका पुरुष-चिंतन मुझे अति प्रिय है ।
जवाब देंहटाएंसुंदर
जवाब देंहटाएंअति सुंदर कविता
जवाब देंहटाएंGreat poetry
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर कविता है
जवाब देंहटाएंSir I love your poetries. You ignite, provoke, calm, send emotional messages through your writeups. Great great going sir.
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअति सुंदर रचना .....
जवाब देंहटाएंBahut khub Surat lagi aap ki ye rachna
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