मंगलवार, 18 दिसंबर 2018

क्या अकेलापन क्या मेला

क्या अकेलापन क्या मेला
क्या मिलन क्या विरह वेला
भाग्य ने जब खेल खेला ,
तुम भी खेलो खेलकर फिर छोड़ देना
जब तुम्हारा मन कहे मुँह मोड़ लेना ।

प्यार का नाता नया हो या पुराना,
तुम विवशता में कभी भी मत निभाना,
आँसुओं का डर तुम्हें जब भी सताए
छोड़ देना आँख में काजल लगाना ,
तुम निभाना अपने ढंग से प्यार अपना,
प्यार के मारों से तुम मत होड़ लेना ,

जब तुम्हारा  .....

आप अब पछुआ हवा में बह रही हैं,
प्यार अमृत है इसे विष कह रही हैं,
कंगनो ने बाँध रखा चूड़ियों को
चूड़ियाँ कंगन से बन्धकर रह रही हैं
पर कलाई भार यदि लगने लगे तो
तुम हमारे कंगनो को तोड़ लेना ।
जब तुम्हारा .........   

नाव लहरों पर है तुम चाहो डुबा दो,
दर्द जो सोया अभी है फिर जगा दो ,
आरती का थाल लाया याचना में ,
देवता हक़ है तुम्हें ठोकर लगा दो।
प्यार के मारों की जब सूची बनाना
एक मेरा नाम उसमें जोड़ लेना ।
जब तुम्हारा ............

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