सोमवार, 25 फ़रवरी 2019

तुम्हीं नहीं मिले नहीं तो और

जो भाग्य में था वह मिला नही था जो नही मिला        
तुम्हीं नही मिले नही तो और क्या नही मिला

मैं चाहता न था तुम्हीं तो चाहती थी चाह लूँ ,
मैं चाहने लगा तो चाहती हो अपनी राह लूँ ,
निबाह ना सकोगी बार बार कह रहा था पर ,
तुम्हीं ने यह कहा था तुम रहो तो सब निबाह लूँ ।
निबाह तो दिया मगर निबाहकर भी क्या मिला,
तुम्हीं नही मिले भला ............................

खुला खुला गगन है पंख बिन गगन का क्या करूँ ?
सपन हुए सपन तुम्हीं कहो सपन का क्या करूँ?
नयन में तुम हो पर नयन के सामने नहीं तो फिर
नही हो सामने तुम्हीं कहो नयन का क्या करूँ ?
नयन से ना मिले नयन तो फिर नयन को क्या मिला,
तुम्हीं नहीं मिले .............।

चले गए हो तुम चले गए तो सब चला गया,
चला गया है सब गया तो क्या नही चला गया,
ये प्यार था या छल था छल था या कि प्यार क्या पता
हो प्यार या कि छल मगर मैं प्यार में छला गया।

जला है रात दिन वदन जला जलन को क्या मिला?
तुम्हीं नही मिले.................।


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