मंगलवार, 22 जून 2021

ओ संविधान के निर्माता

ओ संविधान के निर्माता 
दीनो दुखियों के सुखदाता
दीवानो की बस्ती का दुःख सच सच कहना क्या  दिखा नही ?
या दिखा मगर अनदिखा रहा या दिखा देखकर लिखा नही।
सब न्याय लिखे अन्याय लिखे,
जाने कितने अध्याय लिखे,
समरसता हो हर मानव में,
इसके हित कई उपाय लिखे 

फिर दिल को तोड़ कोई सोए,
कोई उठ उठ रात रात रोए,
असमान दर्द की दुनिया का यह अनुच्छेद क्यों रखा नहीं,
या दिखा मगर …….

सबको समानतम प्यार मिले,
छह छह मौलिक अधिकार मिले,
इक्किसवाँ अनुच्छेद कहता 
सबको जीवन उपहार मिले,

कोई रोता है कोई हँसता है,
कोई जीता है कोई मरता है,
अन्यायी प्रेम कचहरी में जलती क्यों न्यायिक शिखा नही 
या दिखा …..

हो लाल क़िले से उद्बोधन,
पांडव बोलें या दुर्योधन,
हम प्रेम नगर के बाशिंदे,
बस चाह रहे यह संशोधन।

यह भारत भू सृंगार करे,
मानव मानव से प्यार करे,
क्या लिखा अगर नफ़रत वालों ने पाठ प्रेम का सिखा नहीं,
या दिखा ………
Priyanshu Gajendra

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